प्रोटीन क्या है?(What is Protein)
प्रोटीन भोजन में पाए जाने वाले एक महत्वपूर्ण पोषक तत्व है जो मानव शरीर के लिए बहुत ही आवश्यक पदार्थ है। प्रोटीन एक वृहद अणु अर्थात बहुलक है, जो अमीनो एसिड की अनेक छोटी-छोटी इकाइयों से मिलकर बना होता है, इन छोटी-छोटी इकाइयों को एकलक कहते हैं। अर्थात एकलक (Monomer) वह कार्बनिक यौगिक होते हैं जिसके बहुलकीकरण (polymerization) के फलस्वरूप बहुलक (polymer) प्राप्त होते हैं।
अर्थात प्रोटीन एक जैव बहुलक (bioPolymer) है, जो अमीनो एसिड की अनेक मोनोमर (Monomer) इकाइयों से मिलकर बना होता है। ये अमीनो एसिड इकाइयाँ आपस में पेप्टाइड बंध के माध्यम से लंबी श्रृंखलाओं के रूप में जुड़कर प्रोटीन का निर्माण करती हैं। हीमोग्लोबिन तथा मायोग्लोबिन मानव शरीर में पाए जाने वाले प्रोटीन हैं जो रक्त में ऑक्सीजन का परिवहन करने का कार्य करते हैं। इसके अतिरिक्त इंसुलिन (insulin), एमाइलेज (amylase) एंजाइम, कोलेजन (collagen) ये सभी प्रोटीन हैं।
प्रोटीन में लगभग 20 प्रकार के अमीनो एसिड होते हैं। यह अमीनो एसिड मानव शरीर में प्रोटीन और अन्य महत्वपूर्ण यौगिकों जैसे – क्रिएटिन (creatine), पेप्टाइड हार्मोन (peptide hormones) और न्यूरोट्रांसमीटर (neurotransmitter) आदि को संश्लेषित करते हैं।
Protein Structure |
प्रोटीन के प्रकार (Types of protein)
प्रोटीन में उपस्थिति सभी प्रकार के अमीनो एसिड में से 9 एसिड मानव शरीर के लिए आवश्यक माने जाते हैं। ये महत्वपूर्ण अमीनो अम्ल निम्न हैं जैसे- हिस्टिडीन (histidine), आइसोल्यूसिन (isoleucine), ल्यूसीन (leucine), लाइसिन (lysine), मेथिओनिन (methionine), फेनिलएलनिन (phenylalanine), थ्रेओनीन (threonine), ट्रिप्टोफैन (tryptophan) और वेलिन (valine)। अतः प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों में इन सभी आवश्यक अमीनो अम्ल की उपस्थिति के अनुसार तीन प्रकार के प्रोटीन होते हैं:-
- पूर्ण प्रोटीन (Complete proteins) – इस प्रकार के प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों में सभी आवश्यक अमीनो अम्ल होते हैं। पूर्ण प्रोटीन (Complete proteins) ज्यादातर पशु उत्पादों या खाद्य पदार्थों जैसे कि मांस, डेयरी उत्पाद और अंडे इत्यादि में पाए जाते हैं।
- अधूरे प्रोटीन (Incomplete proteins) – वे प्रोटीन या प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ जिनमें कम से कम एक या एक से अधिक आवश्यक अमीनो एसिड की कमी होती है, अधूरे प्रोटीन या अपूर्ण प्रोटीन कहलाते हैं। सभी पौधों से प्राप्त होने वाले प्रोटीन अधूरे प्रोटीन होते हैं, जैसे मटर, फलियाँ, नट्स और कुछ अनाज इत्यादि।
- पूरक प्रोटीन (Complementary proteins) – पूरक प्रोटीन को अधूरे प्रोटीन (Incomplete proteins) वाले दो या अधिक खाद्य पदार्थों को मिश्रित कर बनाया जाता है। इनका प्रयोग पूर्ण प्रोटीन की आपूर्ति करने के लिए किया जा सकता है। उदाहरण के रूप में मूंगफली के मक्खन के साथ चावल और बीन्स या ब्रेड को शामिल किया जाता है।
इसके अतिरिक्त आकृति और आकार के आधार पर तथा कार्य के आधार पर भी प्रोटीन के अनेक प्रकार पाए जाते हैं।
Types of Protein |
प्रोटीन के कार्य(Function of Protein)
प्रोटीन को शरीर के निर्माण का महत्वपूर्ण आधार माना जाता है और यह शरीर की प्रत्येक कोशिका में पाया जाता है। कई प्रोटीन एंजाइम होते हैं जो जैव रासायनिक क्रियाओं को उत्प्रेरित करते हैं, और चयापचय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। मानव शरीर के लिए प्रोटीन निम्न कार्यों के लिए उत्तरदायी होता है:
शरीर में प्रत्येक कोशिका के कामकाज के लिए प्रोटीन की आवश्यकता होती हैपूरे शरीर में अणुओं का परिवहन और भण्डारण करने में प्रोटीन की अहिम भूमिका है, जैसे – हीमोग्लोबिन और मायोग्लोबिन कोशिकाओं की मरम्मत करने तथा नवीन कोशिकाओं के निर्माण कार्य में मदद करना एंटीबॉडी के रूप में शरीर की वायरस और बैक्टीरिया संक्रमण से रक्षा करना बच्चों, किशोरों और गर्भवती महिलाओं में उचित रूप से वृद्धि और विकास को बढ़ावा देना एंजाइम (एमाइलेज (amylase)) और हार्मोन (इंसुलिन (insulin)) के रूप में महत्वपूर्ण कार्यों को करना प्रोटीन, न्यूरो ट्रांसमीटर (neurotransmitters) के रूप में भी काम करते हैं।
प्रोटीन के लाभ – Protein Benefits in Hindi
प्रोटीन से प्राप्त होने वाले महत्वपूर्ण लाभ निम्न हैं:
रक्त शर्करा को संतुलित या नियंत्रित करने में मस्तिष्क कार्य मेंअवसाद को कम करने मेंकोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में घावों को भरने में सहायक इत्यादि।
प्रोटीन की कमी क्या है – What is Protein Deficiency
यदि व्यक्ति पर्याप्त प्रोटीन युक्त आहार का उपभोग या सेवन नहीं करता है, तो वह प्रोटीन की कमी का शिकार हो सकता है। अर्थात मानव शरीर में आवश्यकता से कम मात्रा में प्रोटीन की आपूर्ति, प्रोटीन की कमी (Protein deficiency) कहलाती है। यह समस्या आहार में कमी के अलावा आनुवंशिक स्थितियों, एनोरेक्सिया नर्वोसा (anorexia nervosa), कैंसर या सर्जरी (gastric bypass surgery) के कारण भी उत्पन्न हो सकती है।
प्रोटीन की कमी के कारण – Protein deficiency causes
प्रोटीन की कमी (Protein deficiency) का मुख्य कारण व्यक्ति द्वारा सेवन किये जाने वाले आहार में पर्याप्त प्रोटीन स्तर की कमी है। इसके अतिरिक्त मानव शरीर में प्रोटीन की कमी अनेक प्रकार की आंतरिक समस्याओं के कारण भी उत्पन्न हो सकती है, जिनमें शामिल हैं:
लिवर डिसऑर्डर (Liver disorders) जैसे- हेपेटाइटिस (hepatitis) या सिरोसिस (cirrhosis)किडनी की समस्याएं (Kidney problems) के कारण मूत्र द्वारा प्रोटीन का उत्सर्जन होने से उच्च रक्त चाप, डायबिटीज मेलेटस (diabetes mellitus) के कारण सीलिएक रोग (Celiac disease) के कारण प्रोटीन के अवशोषण में कमी के कारण आनुवंशिक स्थितियां सर्जरी के परिणाम स्वरूप इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज (Inflammatory bowel disease) (IBD), इत्यादि।
प्रोटीन की कमी के लक्षण – Protein deficiency Symptoms
प्रोटीन की कमी (Protein deficiency) के शुरुआती संकेतों के रूप में निम्न लक्षणों का अनुभव किया जा सकता है:
चेहरे और पैरों में सूजन आना, त्वचा के नीचे तरल पदार्थ का इकट्ठा होना, (एडिमा)थकान महसूस होना, चिंता और तनाव की स्थिति उत्पन्न होना , अनिद्रा या ख़राब नींद ,बालों का शुष्क एवं भंगुर होना ,बालो का झड़ना, नाखूनों की समस्या या नुकसान ,त्वचा को क्षति पहुंचना (skin lesions) या त्वचा पर अल्सर या दाग-धब्बे आना ,पेट निकला हुआ दिखाई देना ,अनियमित मासिक धर्मवजन में अत्यधिक कमी आना , संक्रमण उत्पन्न होना इत्यादि।
कम सीरम एल्बुमिन (low serum albumin) और हार्मोन असंतुलन आदि प्रयोगशाला परीक्षण प्रोटीन की कमी को प्रगट कर सकते हैं
प्रोटीन की कमी से उत्पन्न बीमारियाँ – Protein Deficiency Disease
प्रोटीन की कमी (Protein deficiency) से पीड़ित व्यक्ति में निम्न समस्याएँ विकसित हो सकती हैं:
मांसपेशियों का नुकसान (loss of muscle mass), प्रतिरक्षा प्रणाली का कमजोर होना ,दिल की समस्याएँ, श्वसन तंत्र की समस्यायें ,हाइपो प्रोटीनेमिया (Hypoproteinemia)(रक्त में प्रोटीन स्तर की अत्यधिक कमी) , कैचेक्सिया (Cachexia) ,क्वाशियोरकर (kwashiorkor), मरास्मस (marasmus), फैटी लिवर (Fatty Liver), प्रोटीन C की कमी (Protein C Deficiency)•
अनेक स्थितियों में प्रोटीन की कमी काफी घातक हो सकती है। कुछ व्यक्ति प्रोटीन की कमी के परिणामस्वरूप क्वाशियोरकर (kwashiorkor) और मरास्मस (marasmus) जैसी जानलेवा समस्याएँ भी विकसित हो सकती हैं। ये समस्याएँ अधिकतर बच्चों को प्रभावित करती हैं। क्वाशियोरकर (kwashiorkor) की समस्या मुख्य रूप से भोजन की कमी या असंतुलित आहार के कारण उत्पन्न होती है।
प्रोटीन की कमी की जाँच – Protein Deficiency Test
प्रोटीन की कमी (Protein deficiency) का निदान करने के लिए डॉक्टर शारीरिक परीक्षण करता है तथा लक्षणों की जानकारी प्राप्त करने के लिए शारीरिक स्वस्थ्य से सम्बंधित प्रश्न पूंछ सकता है। शारीरिक परीक्षण के दौरान बालों का झड़ना, त्वचा परीक्षण, सूजन तथा अन्य लक्षणों की जाँच की जा सकती है। इसके अतिरिक्त प्रोटीन की कमी के आंतरिक कारणों का निदान करने के लिए डॉक्टर द्वारा निम्न परीक्षणों का भी आदेश दिया जा सकता है:
रक्त परीक्षण (blood test) – रक्त परीक्षण के तहत रक्त के नमूने में कुल प्रोटीन, एल्बुमिन, क्रिएटिनिन रक्त स्तर और एल्बुमिन / ग्लोब्युलिन (Albumin / globulin) अनुपात को ज्ञात किया जाता है, तथा इसके परीणामों के आधार पर प्रोटीन की कमी तथा इसके कारणों का पता लगा लिया जाता है।
मूत्र परीक्षण (urine test) – मूत्र परीक्षण की मदद से प्रोटीन की कमी के कारणों का भी निदान किया जा सकता है। मूत्र में प्रोटीन के उच्च स्तर आंत रोग, सीलिएक रोग (celiac disease), किडनी की विफलता के साथ-साथ अन्य स्वास्थ्य सम्बन्धी जानकारी प्रदान कर सकता है।
प्रोटीन की कमी का इलाज – Protein Deficiency Treatment
प्रोटीन की कमी (Protein deficiency) का उपचार, इसके कारणों के अतिरिक्त, मरीज के आहार, स्वास्थ्य की स्थिति, आयु और चिकित्सा इतिहास पर निर्भर करता है। नैदानिक परीक्षणों के आधार पर प्रोटीन की कमी के कारणों का पता लगाने के बाद डॉक्टर उपचार प्रक्रिया को प्रारंभ कर सकता है। प्रोटीन की कमी का इलाज करने के लिए डॉक्टर द्वारा निम्न उपचार प्रक्रिया अपनाई जा सकती है:
आहार सम्बन्धी विकार की स्थिति में प्रोटीन की कमी का इलाज करने के लिए पर्याप्त प्रोटीन युक्त स्वस्थ, संतुलित आहार के सेवन की सलाह दी जा सकती है तथा प्रोटीन युक्त सप्लीमेंट की भी सिफारिश की जा सकती है।सीलिएक रोग (celiac disease) की स्थिति में प्रोटीन की कमी का इलाज करने के लिए ग्लूटेन फ्री डाइट (gluten-free diet) की सिफारिश की जा सकती है।लीवर और किडनी की समस्या का इलाज करने के लिए डॉक्टर की निगरानी में व्यापक चिकित्सा उपचार की आवश्यकता होती है।
प्रतिदिन प्रोटीन का सेवन – Daily intake of protein
प्रत्येक व्यक्ति को अपने शरीर को स्वस्थ्य रखने, मांसपेशियों के निर्माण में सहायता करने, तथा अन्य शारीरिक क्रियाओं के क्रियान्वयन के लिए अपने आहार में प्रोटीन की एक निश्चित मात्रा का सेवन करने का लक्ष्य रखना चाहिए। इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिसिन (IOM) के अनुसार, प्रत्येक व्यक्ति को प्रति दिन अपने शारीरिक वजन के प्रति किलोग्राम पर 0.8 ग्राम प्रोटीन के सेवन पर ध्यान देना चाहिए। यह मात्रा शरीर की पोषण संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए आवश्यक प्रोटीन की न्यूनतम मात्रा है। इसके अतिरिक्त व्यक्ति के शरीर के आकार और क्रियाशीलता के आधार पर प्रोटीन की आवश्यक मात्रा निर्धारित की जा सकती है। एथलीटों के लिए शारीरिक वजन के प्रति किलोग्राम के आधार पर प्रतिदिन 1.6 से 2.0 ग्राम प्रोटीन आवश्यक होती हैं।
प्रतिदिन प्रति किलोग्राम वजन पर 2.5 ग्राम प्रोटीन का सेवन अनेक प्रकार के जोखिमों को उत्पन्न कर सकता है। यह सीमा उच्च प्रोटीन स्तर का करना बन सकती है। प्रोटीन का अधिक मात्रा में सेवन निम्न समस्याओं का कारण बनता है, जैसे:
प्रोटीन आहार – Protein Diet / protein source
सामान्य तौर पर प्रोटीन आहार के रूप में निम्न खाद्य पदार्थों को शामिल किया जाता है:
कम वसा वाले पशु प्रोटीन जैसे- मांस, डेयरी उत्पाद और अंडे ,फलियां और दाल, अनाज,नट्स,पनीर ,मूंगफली, मक्खन ,सोया ,दलिया ,सैल्मन मछली, इत्यादि।