व्हीटस्टोन सेतु क्या है |सिद्धांत | संरचना | चित्र | उपयोग || In Hindi | Star Science
व्हीटस्टोन सेतु(Wheatstone Setu)
व्हीटस्टोन सेतु :- व्हीटस्टोन सेतु चार प्रतिरोध P,Q,R,S से निर्मित एक चतुर्भुजाकार आकृति होती है। इसमें बिंदु a व c के बीच एक सेल व जोड़ देते है।
तथा बिंदू b व d के मध्य एक धारामापी G की सहायता से जुड़ा होता है।
इस विशेष परिपथ (युक्ति) का उपयोग करके किसी अज्ञात प्रतिरोध का मान आसानी से ज्ञात किया जा सकता है।
व्हीटस्टोन सेतु की रचना :-
इसकी संरचना चित्र में दिखाई गयी है।
इसमें चार प्रतिरोध होते है P , Q , R , S
यहाँ प्रतिरोध P तथा Q श्रेणीक्रम में है और इसी प्रकार R व S आपस में श्रेणी क्रम में है। फिर दोनों श्रेणीक्रम संयोजनों को आपस में समान्तर में जोड़ा गया है।
पॉइंट b तथा d के मध्य एक धारामापी जुड़ा हुआ है।
बिंदु a तथा c के मध्य E विद्युत वाहक बल की बैटरी जुडी हुई है।
व्हीटस्टोन सेतु का सिद्धांत :-
सेतु में I धारा प्रवाहित करते है तो धारामापी में भी Ig धारा प्रवाहित होती है। सेतु में लगे प्रतिरोधों को इस प्रकार व्यवस्थित करते हैं की धारामापी में विक्षेप सुनने हो जाता है यह सेतु की संतुलन अवस्था कहलाती है सेतु संतुलन अवस्था में होने पर
धारामापी से प्रवाहित धारा शून्य होती है। अर्थात Ig = 0बिंदु B व D समान विभव पर होते हैं। संगत भुजाओं के प्रतिरोधों का अनुपात बराबर होता है। अर्थात्
P/Q= R/S
B व D के मध्य प्रतिरोध अनंत हो जाता है।
सेतु की संतुलन की अवस्था में इस
Vb = Vd
Va – Vb = Va – Vd
I1P = I2R
I1/I2 = R/P
दूसरी तरफ
Vb = Vd
Vb – Vc = Vd – Vc
I1Q = I2S
I1/I2 = S/Q
I1/I2 की समीकरणों की तुलना करने हम पाते है
R/P = S/Q
इस समीकरण का उपयोग किसी अज्ञात प्रतिरोध का मान ज्ञात करने के लिए की जाती है जैसे मान लीजिये व्हीट सेतु ब्रिज में S प्रतिरोध अज्ञात है तो
S = QR/P
इसमें P , Q , R का मान रखते ही अज्ञात S प्राप्त हो जाता है।
इस प्रकार व्हीट सेतु की सहायता से अज्ञात प्रतिरोध का मान ज्ञात किया जाता है।
Q&A–
1)व्हीटस्टोन सेतु क्या है ?
व्हीटस्टोन सेतु :- व्हीटस्टोन सेतु चार प्रतिरोध P,Q,R,S से निर्मित एक चतुर्भुजाकार आकृति होती है। इसमें बिंदु a व c के बीच एक सेल व जोड़ देते है।
2)व्हीटस्टोन सेतु में कितने प्रतिरोध होते है ?
व्हीटस्टोन सेतु में 4 प्रतिरोध होते है।