लवक (Plastid) क्या होता है ? (What is Plastid)
लवक(Plastid) केवल पादप कोशिकाओं में स्थित होते हैं। लवक पादप कोशिकाओं के कोशिका द्रव में पाए जाने वाले गोल या अंडाकार रचना हैं । इनमें पादपों के लिए महत्त्वपूर्ण रसायनों का निर्माण होता है। लवक तीन प्रकार के अर्थात् हरितलवक (Chloroplast) , अवर्णी लवक(Leucoplast) तथा वर्णी लवक (Chromoplasts) होते हैं।
Plastid |
हरितलवक (Chloroplast) नामक हरे रंग के लवक में जीव जगत की सबसे महत्त्वपूर्ण जैव रासायनिक क्रिया प्रकाश-संश्लेषण होती है। हरे रंग को छोड़कर अन्य रंगों वाले लवकों को वर्णी लवक (क्रोमोप्लास्ट) कहते हैं, इनसे ही फूलों एवं फलों को रंग प्राप्त होता है। रंगहीन लवकों को अवर्णी लवक (Leucoplast) कहते हैं जिनका मुख्य कार्य भोजन संग्रह में मदद करना है। आकृति यह अंडाकार गोलाकार तन्तुनुमा होता है जो पूरे कोशिका द्रव्य मे फैले रहता है जो दो पर्टो से घिरा रहता है। इसके भीतर पाए जाने वाले खाली स्थान को stroma कहते है जो एक तरल पदार्थ से भरा रहता है जिसे matrix कहाँ जाता है।
लवक कितने प्रकार के होते है ?
लवक तीन प्रकार के होते है :
1)हरितलवक (Chloroplast), 2)अवर्णी लवक (Leucoplast), 3)वर्णी लवक (Chromoplasts)
हरितलवक (Chloroplast)
हरे रंग के पदार्थ हरितलवक के कारण इसका रंग हरा होता है। यह हरितलवक दोहरे झिल्ली से घिरे होते हैं, जो लाइपोप्रोटीन की बनी होती है। इसके अन्दर की ओर एक तरल पारदर्शी पदार्थ होता है, जिसे स्ट्रोमा कहा जाता है। इस स्ट्रोमा में अनेक एन्जाइम, राइबोसोम आदि पदार्थ पाए जाते हैं। माइटोकॉण्ड्रिया की तरह लवक में अपना DNA और राइबोसोम होते हैं।
वस्तुतः इसमें बाहरी झिल्ली सपाट परन्तु भीतरी झिल्ली गोल पटलिका होती है, जिसे थायलेकॉइड कहते हैं। अनेक स्थानों पर यह थायलेकॉइड एक के ऊपर लगी होती है, जो ग्रेनम कहलाती है। ग्रेनाओं को जोड़ने वाली पटलिकाएँ स्ट्रोमा पटलिकाएँ कहलाती हैं।
थायलेकॉइड की भीतरी सतह पर क्वान्टासोम पाए जाते हैं, जिसमें हरितलवक अणु होते हैं ये प्रकाश-संश्लेषण की आधारभूत इकाई है। इसे पादप कोशिका का रसोईघर कहा जाता है। हरितलवक में प्रकाश-संश्लेषण की प्रकाशिक अभिक्रिया ग्रेना में, जबकि प्रकाशहीन अभिक्रिया स्ट्रोमा में होती है।
Chloroplast |
हरितलवक को आकृति के आधार पर वर्गीकरण निम्न है :
1)क्लोमाइडोमोनास – कपनुमा , (2)स्पाइरोगाइरा (तालाब की रेशम ) – फीताकार , (3)ऊडोगोनियम – जालिकावृत, 4)यूलोथ्रिक्स (तालाब की ऊन ) – मेखलाकार , 5)उच्च पादप – अण्डकार या तश्तरीनुमा , 6)जिग्नीमा – तारकार स्टार्च कार
अवर्णी लवक (Leucoplast)
यह एक रंगहीन लवक, जो जड़ों और भूमिगत तनों में पाए जाते हैं। ये स्टार्च के रूप में भोजन का संग्रह करते हैं, ये मुख्यतया तीन ये प्रकार के होते हैं :
अवर्णी लवक (Leucoplast) को तीन भागों में बांट गया है:-
a. एमाइलोप्लास्ट
b. एलयुरोप्लास्ट
c. इलियोप्लास्ट
एमाइलोप्लास्ट, जो जड़ों भूमिगत तनों तथा चावल, गेहूँ तथा मक्का के बीज में पाए जाते हैं तथा स्टार्च का संग्रहण करते हैं। इलायोप्लास्ट बीज में वसा का संग्रहण करते हैं। प्रोटीनोप्लास्ट, इनमें प्रोटीन संग्रहण होता है, जो बीजों में पाए जाते हैं।
वर्णी लवक (Chromoplasts)
ये पौधों के रंगीन भागों, पुष्पों की पंखुड़ियों तथा फलों की भित्तियों में पाए जाते हैं। ये पीले, लाल तथा नारंगी रंग के लवक हैं।
उदाहरण टमाटर में लाइकोपेन, गाजर में कैरोटीन, चुकन्दर में विटानीन आदि वर्णक के कारण इसका रंग निर्धारित होता है।
वर्णीलवक के उदाहरण निम्न है :-
1)टमाटर का लाल रंग लाइकोपीन (Lycopene) लवक के कारण | 2)गाजर में कैरोटीन (Carotine) के कारण. 3)चुकन्दर में बिटानीन (Betanin) के कारण 4)मिर्च का लाल रंग कैप्सेथीन के कारण|