मानव दाँत
दांत मुंह (या जबड़ों) में स्थित छोटे, सफेद रंग की संरचनाएं हैं जो बहुत से कशेरुक प्राणियों में पाया जाती है। दांत, भोजन को चीरने, चबाने आदि के काम आते हैं। कुछ पशु (विशेषत: मांसभक्षी) शिकार करने एवं रक्षा करने के लिये भी दांतों का उपयोग करते हैं। दांतों की जड़ें मसूड़ों से ढ़की होतीं हैं। दांत, अस्थियों (हड्डी) के नहीं बने होते बल्कि ये अलग-अलग घनत्व व कठोरता के ऊतकों से बने होते हैं।
मानव मुखड़े की सुंदरता बहुत कुछ दंत या दाँत पंक्ति पर निर्भर रहती है। मुँह खोलते ही 'वरदंत की पंगति कुंद कली' सी खिल जाती है, मानो 'दामिनि दमक गई हो' या 'मोतिन माल अमोलन' की बिखर गई हो। दाड़िम सी दंतपक्तियाँ सौंदर्य का साधन मात्र नहीं बल्कि स्वास्थ्य के लिये भी अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।
मानव दाँत की संरचना तथा प्रकार । (human teeth structure and type)
मानव की संरचना के प्रकार
गर्तदंती दांग (thecodont) -
ऐसे में जो भी थे, वे कोडों में थे।
जैसे -मनुष्य के दांत
बूनोडोंटे -
इस तरह से पिन करना (क्यूप्स) है।
डिफाइकोडोंट -
ऐसे दांत जो जीवन में दोबारा उगते हैं उनको (Diphycosont)कहा जाता है ।
दांत चार प्रकार के होते हैं ।
1. कृंतक(Incisor )-
कृंतक का कार्य भोजन को काटना है।
2. रदनक (cannon) -
रदनक का कार्य भोजन को चीर फाड़ करना है।
3. अग्र चवर्णक (premolars) -
इसका कार्य भोजन पीसना है ।
4 . चवर्णक (molars) -
इसका कार्य भी भोजन को पीसना है ।
मानव जीवन में दाँत दो बार आते हैं।
1.अस्थाई दाँत
2. स्थाई दाँत
अस्थाई दाँत -
इनको दूध के दाँत (milk teeth) भी कहते हैं इनकी संख्या 20 होती है ।
दंतसूत्र- i2/2 ,c1/1,pm0/0,m2/2
5*2/5*2 =10/10=20
यह 5 एक तरफ के है तो दोनों तरफ के कुल 10 हुए इस प्रकार एक जबड़े में 10 तो दोनों में 20 हुए।
अतः अस्थाई दाँत 20 होते हैं।
अतः अस्थाई में अग्रचवर्णक नहीं उगते हैं। यह 7से 2 साल तक की आयु में उगते है तथा 12से 14 की उम्र में गिरते है।
स्थाई दाँत-
स्थाई दातों की संख्या 32 होती है ।
दंतसूत्र -i2/2,c1/1,pm2/2,m3/3
8*2/8*2=16/16=32
बुद्धिमता दंत या अकल की दाढ(wisdom teeth) - यह अंतिम चवर्णक होते हैं और 18 वर्ष के बाद ही उगते हैं ।
मोनोफाइकोडोंट-
ऐसे दांत जो केवल एक बार ही निकलता है । उन्हें मोनोफाइकोडोंट कहते हैं ।
उदाहरण-अग्रचवर्णक तथा कुछ चवर्णक ।
दांत की संरचना -
शिखर (crown) -
दांत का जो भाग दिखाई देता है उसे क्राउन कहते हैं । इस भाग पर एक परत होती हैं इसे इनेमल कहते हैं।
दाँत की चमक तथा सफ़ेदी इनेमल के कारण ही होती हैं।
इनेमल शरीर का सबसे कठोर भाग होता है।
Neck-
दांत का जो भाग मसूड़ों में धसा होता है उसे neck कहते हैं ।
रूट-
दांत का जो भाग सॉकेट या गर्त में धसा होता है उसे रूट कहते हैं