बॉटनी क्या है?
जीव विज्ञान एक ऐसा विषय है जिसमें जीवित व मृत जीवों का अध्ययन करते हैं, जीव विज्ञान (बायोलॉजी) को मुख्यतः दो भागों में बांटा गया है- 1.बॉटनी और 2.जूलॉजी
बॉटनी शब्द की उत्पत्ति ग्रीक भाषा से हुई है। इसमें जीवित व मृत्यु सभी प्रकार के पेड़ पौधों का अध्ययन किया जाता है। इसे वनस्पति विज्ञान भी कहा जाता है। ग्रीक भाषामें इस शब्द का अर्थ होता है घास। यह शब्द बोस्टन से लिया गया है जिसका अर्थ होता हैं ‘चरना या खिलाना’। संसार में मिलने वाले सभी प्रकार के पेड़- पौधों का अध्ययन Botany के अंतर्गत किया जाता है ।
पौधों के विभिन्न भागों जैसे संरचना, वृद्धि एवं विकास, प्रजनन, बीमारियों, रासायनिक गुणों, आंतरिक व बाह्य संरचना, श्वसन क्रिया, प्रकाश संश्लेषण द्वारा भोजन का निर्माण, प्रजनन, जीवन चक्र और उनके विकास आदि क्रियाओं का अध्ययन करना बॉटनी कहलाता है। बॉटनी के जनक थिओफ्रेस्टस है। इनके द्वारा ही सबसे पहले पादपों का अध्ययन किया गया था इसलिए थिओफ्रेस्टस को वनस्पति विज्ञान के जनक के रूप में भी जाना जाता है।
बॉटनी की विभिन्न शाखाओ के नाम
Botany मे कई सारी शाखाएं होती हैं जिनमे से कुछ प्रमुख शाखाओं के नाम उनके विवरण के साथ हमारे इस ब्लॉग में बताया जा रहा है। बॉटनी में मुख्य रूप से दो शाखाएं होती हैं- जिसके अंतर्गत विभिन्न विषय आते हैं-
एप्लाइड बॉटनीप्लांट पैथोलॉजी- पौधों के रोगों, रोगों के लक्षण,उनके कारण व निदान का अध्ययन किया जाता है।फॉरेस्ट्री और सिल्वीकल्चर- जंगल के पेडों व उनके उत्पादों का अध्ययन।बायोकेमिस्ट्री- जीवो में उपस्थित रासायनिक क्रिया व घटकों का अध्ययन करना।हॉर्टिकल्चर- फल, सब्जियों व बगीचों मे पौधों को उगाने का अध्ययन किया जाता है।प्लांट ब्रीडिंग- उपयोगी पादपो की नस्ल सुधारने का अध्ययन।सिल्वीकल्चर -इसमें वनों के विकास का अध्ययन होता है।डेंड्रोलॉजी- इसमें झाड़ियों का अध्ययन किया जाता है।फ्लोरीकल्चर- इसमें फूलों के विकास का अध्ययन किया जाता है।एग्रीकल्चर बॉटनी- इसमें कृषि की फसलों को उगाने का अध्ययन किया जाता है।फार्माकोग्नोसी- औषधीय पौधों की पहचान, उनका पृथक्करण, उपयोगिता संबंधी अध्ययन करना।पेडोलॉजी- वन मृदा का अध्ययन इसके अंतर्गत किया जाता है।प्लांट जेनेटिक्स- पादपों के जेनेटिक्स का वंशानुगत अध्ययन करना।प्योर और बेसिक बॉटनीप्लांट जियोग्राफी- पादपों की भौगोलिक स्थिति जैसे पौधों का वितरण, उगाने के लिए जो कारक उत्तरदायी होते हैं उनका अध्ययन करना।शरीर-क्रियाविज्ञान- पौधों तथा उनके विभिन्न भागों की शारीरिक बनावट का अध्ययन करना जैसे स्वशन, वृद्धि, पोषण, जनन आदि।इकोलॉजी- पौधों तथा उनके वातावरण के साथ जीवों का अध्ययन करना।एम्ब्र्योलॉजी- पादपों के निर्माण, एम्ब्रयो फर्टिलाइजेशन, डेवलपमेंट आदि का अध्ययन करना।टेक्सोनोमी और सिस्टेमेटिक बॉटनी- इसमें पौधों को समान लक्षणों व विभिन्नताओं के आधार पर वर्गीकृत कर क्रमानुसार अध्ययन किया जाता है। पौधों का नामकरण इसी में किया जाता है।मोर्फोलॉजी- पौधों तथा उनके विभिन्न भागों की आंतरिक तथा बाहरी संरचना का अध्ययन करना।पलेओबॉटनी- प्राचीन काल के पौधे जो अब विलुप्त हो गए हैं उनके अवशेषों का अध्ययन किया जाता है।
इनके अलावा भी बॉटनी में कई सारे विषय होते हैं जैसे-बैक्टीरियोलॉजी, माइकोलॉजी, अल्जीओलॉजी, एक्वाकल्चर, अल्जीओलॉजी, सॉयल साइंस, वायरोलॉजी, रेडिएशन बायोलॉजी, टिश्यू कल्चर आदि कई और विषय बॉटनी में होते हैं।
वनस्पति विज्ञान का महत्व एवं उद्देश्य
वनस्पति विज्ञान के अध्ययन का मुख्य उद्देश्य पौधों के बारे में सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त करना हैं क्योंकि पौधे हमारे लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण, लाभदायक व हितकारी होते है। असल में पौधों के बिना तो जीवन की कल्पना कर पाना भी संभव नहीं है। जैसा कि आप लोग जानते हैं, पौधे सूर्य के प्रकाश से प्रकाश संश्लेषण की क्रिया द्वारा अपना भोजन बनाते हैं और मनुष्यों के लिए जीवनदायिनी ऑक्सीजन का निर्माण करते हैं।
बॉटनी और जूलॉजी में अंतर
बॉटनी और जूलॉजी दोनों ही बायोलॉजी की प्रमुख शाखाएं है जिसमें बॉटनी में पेड़ पौधों आदि का अध्ययन किया जाता है और जूलॉजी में जीव जंतुओं मनुष्य आदि का अध्ययन किया जाता है, यह दोनों शाखाएं एक दूसरे से पूरी तरह भिन्न है। बॉटनी और जूलॉजी में अंतर नीचे बताये गए हैं-
जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है बॉटनी में पादप जीवन का अध्ययन होता है बॉटनी को प्लांट्स साइंस के रूप में भी जाना जाता है वहीं जूलॉजी/एनिमल बायोलॉजी में जानवरों के जीवन का अध्ययन किया जाता है।बॉटनी में पेड़ पौधों के ऊपर रिसर्च की जाती है जबकि जूलॉजी में पशुओं के ऊपर रिसर्च की जाती है।बॉटनी में पौधों के विकास, संरचना, प्रजनन, रोग, रासायनिक उत्पादों आदि के ऊपर अध्ययन किया जाता है वहीं जूलॉजी में पशु संरचना, व्यवहार, शारीरिक बनावट आदि का अध्ययन किया जाता है|बॉटनी की पढ़ाई करके प्लांट साइंटिस्ट बनते हैं जबकि जूलॉजी की पढ़ाई करके एनिमल साइंटिस्ट बनते हैं।