परासरण दाब:
परासरण दाब की परिभाषा (Definition of osmotic pressure)
विलयन के सतह पर लगाया गया वह न्यनूतम बाह्य दाब जो अर्द्ध पारगम्य झिल्ली से होकर विलायक को विलयन में प्रवाहित होने से रोक दे परासरण दाब (osmotic pressure) कहलाता है।
हम जानते है कि परासरण के कारण विलयन से विलायक का प्रवाह होता है या कम सांद्रण वाले विलयन से अधिक सांद्रण वाले विलयन की ओर विलायक का प्रवाह अर्द्ध पारगम्य झिल्ली (semi-permeable membrane or SPM) से होता है. विलायक का यह प्रवाह हमेशा नहीं होते रहता है बल्कि यह तब तक होते रहता है जब तक कि साम्यावस्था न आ जाए।
साम्यावस्था का अर्थ है कि विलयन से जितने विलायक के अणु अर्द्ध पारगम्य झिल्ली से होकर विलायक की ओर आते है उतने ही विलायक के अणु अर्द्ध पारगम्य झिल्ली से होकर विलक से विलयन की और आते है।
विकल्पतः विलायक के विलयन में होने वाले इस प्रवाह को विलयन पर दाब लगाकर रोका जा सकता है। दाब परासरण दाब (osmotic pressure in hindi) कहलाता है।
Berkely तथा Hartley विधि द्वारा सामान्यतः परासरण दाब ज्ञात किया जाता है। वैसे तो परासरण दाब निकालने के लिए कई विधि का प्रयोग किया जाता है लेकिन सबसे अधिक इसी विधि का प्रयोग किया जाता है।
Berkely तथा Hartley विधि अन्य विधियों की तुलना में अधिक श्रेष्ठ है इसके निम्न कारण है-
इस विधि में परासरण दाब को बाहरी दाब संतुलित कर लेता है जिसके कारण झिल्ली पर कोई दाब नहीं पड़ता है।इस विधि में विलयन का सांद्रण नहीं बदलता है क्योंकि बाहरी दाब के कारण विलयन में विलायक का प्रवाह रूक जाता है।इस विधि में परासरण दाब मापने में लगा समय एनी विधियों की तुलना में काफी कम होता है।
परासरण दाब भी एक अनुसंख्य गुणधर्म है क्योंकि यह विलेय के अणु की संख्या पर निर्भर करता है न कि विलेय की प्रकृति पर।
परासरण दाब के नियम
किसी विलयन का परासरण दाब विलयन के मोलरता (C)तथा ताप (T)का सीधा समानुपाती होता है-
गणितीय रूप में
P ∝ C
तथा P ∝ T
∴ P ∝ C × T
अर्थात P = R × C × T
यहाँ R एक नियतांक है जिसे विलयन का नियतांक कहते है तथा इसका मान गैस नियतांक के बराबर होता है जो 0.0821 litre atm/degree/mole के बराबर होता है।
उक्त समीकरण के सामान्यतः निम्न रूप में लिखा जाता है-
P = CRT
लेकिन हम जानते है कि C = n/V जहाँ n विलेय के मोलों की संख्या है तथा V विलयन का आयतन (लीटर में) है।
इस प्रकार P = (n/V) × RT
PV = nRT
P = nRT/V
इसे तनु विलयन के लिए van’t Hoff का समीकरण कहा जाता है।
सामान्यतः परासरण दाब के लिए P के स्थान पर π (जिसे पाई पढ़ा जाता है) लिखा जाता है।
तो π = CRT
तथा πV = nRT
परासरण दाब द्वारा विलेय के आण्विक द्रव्यमान की गणना
माना विलय का द्रव्यमान w है तथा विलेय का आण्विक द्रव्यमान M है तो
n = w/M
इसीलिए πV = nRT से
πV = (w/M)RT
πVM = wRT
M = wRT/πV
इस समीकरण के मदद से विलेय का आण्विक द्रव्यमान ज्ञात किया जा सकता है जब हमें अन्य चीजों के बारे में पता हो।
समपरासारी विलयन (Isotonic solution) – ऐसे विलयन जो समान ताप पर समान परासरण दाब दर्शाते है समपरासारी विलयन कहलाता है।
अतिपरासारी विलयन (Hypertonic Solution) – दो असमान परासरण दाब वाले विलयन में जिस विलयन का परासरण दाब अधिक रहता है उसे अति परासारी विलयन कहा जाता है।
अल्पपरासारी विलयन (Hypotonic Solution) – दो असमान परासरण दाब वाले विलयन में जिस विलयन का परासरण दाब कम रहता है उसे अल्पपरासारी विलयन कहा जाता है।
परासरण दाब से संबंधित प्रश्न
प्रश्न -समपरसारी विलयन है-
(a) समान क्वथनांक
(b) समान वाष्प दाब
(c) समान हिमांक
(d) समान परासरण दाब
उत्तर -(d) समान परासरण दाब
व्याख्या – सम परासारी विलयन की परिभाषा से हम जानते है कि जिन विलयनों का परासरण दाब समान होता है वे विलयन सम परासारी विलयन कहलाते है।
प्रश्न – एक विलयन में अवाष्पशील विलेय है जिसका आण्विक द्रव्यमान M है। परासरण दाब के पद में निम्नलिखित में से कौन से समीकरण विलेय के आण्विक द्रव्यमान को व्यक्त करने के लिए प्रयोग किया जाएगा? (CBSE MED 2002)
(a) M = (m/π) × VRT
(b) M = (m/V) × (RT/π)
(c) M = (m/V) × π RT
(d) M = (m/V) × (π/RT)
उत्तर – (b) M = (m/V) × (RT/π)
व्याख्या -परासरण दाब के पद में
आण्विक द्रव्यमान , M = wRT/πV
प्रश्न 300 K ताप पर एक विलयन का परासरण दाब 0.08 21 atm है. विलयन का सांद्रण है – (Roorkee Engg 1990)
(a) 0.33
(b) 0.066
(c) 0.3 × 10-2
(d) 3
उत्तर – (c) 0.3 × 10-2
व्याख्या – दिया है
ताप (T) = 300 K
परासरण दाब (P) = 0.0821 atm litre /degree /mol
इसीलिए P = CRT से
0.0821 = C × 0.0821 × 300
C = 1/300
C = 1/3 × 102
C = 0.3 × 10-2
विलयन का सांद्रण = 0.3 × 10-2 जो विकल्प c में है।
प्रश्न – 300 K ताप पर 0.01 M सांद्रण वाले विलयन का परासरण दाब ज्ञात करें (R = 0.0821 litre atm/degree/mole)
हल –
दिया है, C = 0.01 M = 0.01 mole/litre
R = 0.0821 litre atm/degree/mole
T = 300 K
संबंध P = CRT का प्रयोग करने पर
P = 0.01 × 0.0821 × 300
P = 0.2463 atm
प्रश्न 300 K ताप पर यूरिया (आण्विक द्रव्यमान = 60 ) के 5% विलयन का परासरण दाब ज्ञात करें। (R = 0.0821 litre atm/degree/mole)
हल – यूरिया के 5 % विलयन का अर्थ है कि 100 ml विलयन में 5 gm यूरिया घुला हुआ है।
इस प्रकार w = 5 gm
विलयन का आयतन (V) = 100 ml = 100 L/1000 = 0.1 litre
यूरिया का आण्विक द्रव्यमान (M) = 60
R = 0.0821 litre atm/degree/mole
ताप (T) = 273 K
इसीलिए P = nRT/V से
P = wRT/MV
P = 5 × 0.0821 × 273/60 × 0.1
P = 18.68 atm
प्रश्न – सुक्रोस (C12H22O11) का 4% विलयन एक अज्ञात पदार्थ के 3% विलयन का समपरासरी है तो अज्ञात पदार्थ का द्रव्यमान ज्ञात करें।
हल – चूंकि दोनों विलयन समपरासरी है इसीलिए दोनों विलयन का परासरण दाब समान होना चाहिए।
सुक्रोस के विलयन के लिए
सुक्रोस के 4% विलयन का अर्थ है कि 100 ml विलयन में 4 gm सुक्रोस घुला हुआ है तो 1 लीटर विलयन में 40 gm सुक्रोस घुला हुआ है।
इस प्रकार सुक्रोस का द्रव्यमान = 40 gm
सुक्रोस के मोलों की संख्या (n1) = 40/ 342 (सुक्रोस का आण्विक द्रव्यमान = 342)
परासरण दाब (P1) = n1 RT/V
P1 = (40/342) × RT/1
अज्ञात विलयन के लिए
माना अज्ञात का आण्विक द्रव्यमान M है तो इसके 1 लीटर में 30 gm घुला होगा (अज्ञात पदार्थ का 3% विलयन दिया हुआ है)
अज्ञात पदार्थ का द्रव्यमान = 30 gm
अज्ञात पदार्थ के मोलों की संख्या ((n2) = 30/M
परासरण दाब (P2) = n2 RT/V
P2 = (30/M) × RT/1
चूंकि दोनों विलयन सम परासरी है
∴ P1 = P2
⇒ (40/342) × RT/1 = (30/M) × RT/1
⇒ 40/342 = 30/M
⇒ M = 30 × 342/ 40
⇒ M = 256.5
कुछ प्रश्न
1 किसी विलयन के एक लीटर आयतन में 68.4 gm सुक्रोस (आण्विक द्रव्यमान = 342 gm/मोल) को घोला गया। 300 K ताप पर इस विलयन का परासरण दाब क्या है? ( दिया है R = 0.0821 litre atm/degree/mole) (उत्तर – 4.92 atm)
2 यदि 10 gm अवाष्पशील विलेय को 300 K ताप पर 1 लीटर विलयन में घोला जाता है तो विलयन का परासरण दाब 0.002 atm पाया जाता है तो विलेय का आण्विक द्रव्यमान ज्ञात करें। (दिया है R = 0.0821 litre atm/degree/mole) (उत्तर – 123000)