तितली का जीवन चक्र(life cycle of butterfly)
तितली क्या है?(What is butterfly)
यह सब जानते है कि तितलियाँ कैसी होती है? तितली दिखने मे आकर्षक होती है,इनके पँख रंग-बिरंगे होते है,जो इनको और अधिक आकर्षक और खूबसूरत बनाते है|तितली अक्सर फूलों पर मँडराते हुए नजर आते है,इनके पंखो पर रंग -बिरंगे सुन्दर आकृतियाँ दिखाई देती है|यह insect के अंतर्गत आने वाला जीव है,insect के अंतर्गत आने के बावजूद भी यह अपनी सुंदरता के कारण दूसरे कीट प्रजातियों से बाह्य संरचनात्मक दृष्टि से अलग होता है|
तितली कहा रहते है? उनका निवास स्थान क्या है?
तितली कि प्रजाति स्थल पर रहती है,अर्थात ये जमीन पर फूलों पर रहती है,यह दुनिया के लगभग सभी हिस्सों मे पाए जाते है,इसका निवास स्थान उसके प्रजातियो पर निर्भर करती है,कई ऐसे प्रजीतियां है, जो विशिष्ट स्थान पर ही निवास कर सकते है,किसी और स्थान पर नहीं,जैसे कॉर्नर ब्लु butterfly यह ऐसे प्रजाति है जो अपने निवास स्थान के लिए ओक सवाना नामक एक दुर्लभ ecosystem (परिस्थितिक तंत्र) पर निर्भर करता है|उसके आलावा यह प्रजाति और कही जीवन यापन नही कर सकती|
इस तरह से तितली स्थलीय प्राणी होते है,जिसे हरियाली वाली जगहों पर आसानी से देखा जा सकता है, तितलीयों कि अनेक प्रजातियां पायी जाती है|यह अपने आप को प्रकृति के अनुकूल ढाल लेती है,जिससे परभक्षियो तथा शिकारियों से स्वयं कि रक्षा कर सके |
Butterfly भोजन के रूप मे क्या ग्रहण करते है?
तितली अपने भोजन के लिए फूलों के मकरंद,फलो के रस,तथा पेड़ कि नर्म छालो से प्राप्त तरल पदार्थ पर निर्भर रहते है,तितलियों मे भोजन को चबाने के लिए जबड़े का आभाव होता है,इसमें भोजन को ग्रहण करने के लिए एक विशेष प्रकार कि संरचना पायी जाती है,जिसे शुंड कहते है, इसी के माध्यम से यह फूलों से रस को पी सकती है,तथा अपना भोजन प्राप्त करती है|
Butterfly का life cycle कैसा होता है ?
वैसे तो तितली देखने मे बहुत ही आकर्षक लगता है, लेकिन इसका जीवन चक्र बहुत ही अनोखा होता है,जो चार चरणों मे पूरा होता है:-
1.अंडा (egg)
यह प्राइमरी अवस्था है, इस अवस्था मे मादा तितली पेड़ के पत्तों पर अंडा देती है,मादा तितली एक बार मे 200 से 300 तक अंडे देती है|अंडे कि यह चरण आमतौर पर 3-7 दिनों तक रहता है|लेकिन यह अवधिकाल विभिन्न प्रजातियों मे भिन्न हो सकता है|
यह अंडे देने के समय एक चिपचिपा पदार्थ स्रावित करती है,जो हवा के सम्पर्क मे आते ही कठोर हो जाता है|यह आवरण अंडे सुरक्षित रखता है,इस आवरण को कोरियन (corion) कहा जाता है|
इस अवस्था मे अंडे कुछ समय तक रहते है,इसके पश्चात यह लार्वा मे रूपांतरित हो जाते है,
2.लार्वा प्रावस्था
इस अवस्था मे अंडे विकसित होकर लार्वा मे रूपान्तरित हो जाते है,तथा इसे केटरपिलर लार्वा कहा जाता है,लार्वा का इस प्रावस्था मे रहने का कुल समय 2-5 तक सप्ताह का होता है|इस अवस्था मे लार्वा पेड़ कि पत्तियों को भोजन के रूप मे ग्रहण करती है,तथा लार्वा अपना सारा समय भोजन कि तलाश मे निकालती है,तथा अपना सारा ध्यान भोजन करने मे लगाती है|तथा इसका आकार तथा वजन बहुत अधिक बढ़ते जाता है|
इसका शरीर कई खंडो का बना होता है,भिन्न-भिन्न प्रजातियों मे इसका रंग भिन्न-भिन्न होता है|
अधिकांश लार्वा शाकाहारी होते है जो पेड़ कि पत्तियों को खाती है,यह माना जाता है कि butterfly के जीवन चक्र का यह सबसे खतरनाक अवस्था होता है, अधिकांश मृत्यु इसी अवस्था मे होता है|इस अवस्था मे केटपिलर लार्वा को मौसम संबधित परिवर्तन, बीमारी,परजीवी तथा विभिन्न शिकारी जीवो से खतरा होता है|जिससे इस अवस्था मे लार्वा कि मृत्यु दर बढ़ जाती है|
3.प्यूपा प्रावस्था
ज़ब लार्वा पूरी तरह विकसित हो जाता है,तथा खाना बंद कर देता है,यह प्यूपा मे परिवर्तित होने लगता है, प्यूपा को क्राइसिस भी कहा जाता है|इस अवस्था मे लार्वा एक विशेष प्रकार के हॉर्मोन ptth hormon (prothoresicotrophic hormon) का स्राव करती है|यह हॉर्मोन लार्वा को प्यूपा मे परिवर्तित होने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है|
प्यूपा मे परिवर्तित होने के लिए लार्वा एक उचित स्थान का चुनाव करती है|अक्सर लार्वा पत्तियों के नीचे निचले हिस्से को चुनती है,तथा लार्वा उस स्थान पर (ptth) रसायन का स्राव करती है,जिसे वह अपने चारो ओर लपेटना शुरू कर देती है,यह रसायन हवा के सम्पर्क मे आने से कठोर पदार्थ मे परिवर्तित हो जाती है,इस अवस्था मे यह 1-2 सप्ताह तक रहती है|
विभिन्न तितलियों कि प्रजाति मे प्यूपा अलग -अलग रंग का दिखाई देता है,इस अवस्था मे तितली के विभिन्न अंग विकसित होना प्रारम्भ हो जाता है|प्यूपा के अंदर कोशिका तथा उत्तको का विकास होता है, जिससे उसके पँख,आँख,वक्ष,सिर तथा शरीर के दूसरे भागो का निर्माण होता है|
4.वयस्क प्रावस्था
यह अंतिम अवस्था है, इस अवस्था मे यह पूरी तरह से विकसित हो चूका होता है,जिसे हम अब पूर्ण रूप इसे तितली के रूप मे देख सकते है|जिसके रंग -बिरंगे पँख तथा ऑंखें स्पस्ट रूप से दिखाई देते है|यह पूर्ण रूप से विकसित होने के पश्चात अब अंडे देने के योग्य हो जाता है,तथा अपने साथी कि तलाश करना शुरू कर देते है|
अब यह अपना भोजन फूलों के मकरंद,पेड़ कि नर्म छालो के रस व फलो के रस से प्राप्त करते है|
Butterfly का व्यवहार
तितलियों मे भोजन ग्रहण करने के लिए जबड़ा नही पाया जाता है,यह अपना भोजन सूंड के माध्यम से फूलों,फलो,तथा पेड़ो कि नर्म छालो के रस को ग्रहण करता है|यह फूलों कि परागण कि प्रकिया मे महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है|
परभक्षियो से रक्षा के लिये इसमें विशेष प्रकार का अनुकूलन पाया जाता है,तथा वातावरण के अनुकूल स्वयं को ढालने कि प्रवित्ति रखता है|