राइबोसोम क्या हैं?(What is Ribosome)
राइबोसोम(Ribosome) कोशिका में पाये जाने वाले राइबोन्यूक्लिक प्रोटीन(Ribo-nucleo-protein) के सूक्ष्म कण हैं अतः इनको आर.एन.पी.कण(RNP Particles)भी कहते हैं। इन्हें कोशिका की प्रोटीन फैक्ट्री भी कहते हैं।ये सभी प्रकार की कोशिकाओं में पाये जाते हैं।
राइबोसोम की खोज किसने की(Who Discovered Ribosomes)
राइबोसोम को सर्वप्रथम क्लाउड(Claude,1941) ने देखा तथा इनको माइक्रोसोम(Microsome) नाम दिया। पैलेड(Palade,1955) ने इनको जन्तु कोशिकाओं में देखा तथा इनको राइबोसोम कहा। इनको पैलेड कण(Palade Particles) भी कहते हैं। टिसीयर्स एवं वाटसन(Tissiers and Watson, 1958) ने जीवाणु(E.Coli) कोशिका से विलगित किया तथा बताया कि ये RNA एवं प्रोटीन की समान मात्रा के बने होते हैं।
राइबोसोम की आकारिकी(Morphology of Ribosomes)
राइबोसोम जटिल आण्विक मशीनें हैं जो सभी जीवित जीवों में प्रोटीन को संश्लेषित करने के लिए जिम्मेदार हैं। वे दो मुख्य उपइकाइयों से बने होते हैं, जो उनके आकार और विशिष्ट राइबोसोमल आरएनए (RNA) और प्रोटीन घटकों की उपस्थिति से भिन्न होते हैं।
राइबोसोम का छोटा सबयूनिट(Subunit) mRNA (Messenger RNA) प्रतिलेख से जुड़ने के लिए जिम्मेदार होता है और यह एक एकल RNA अणु और कई प्रोटीन घटकों से बना होता है। प्रोकैरियोटिक जीवों में, यह छोटा सबयूनिट(Subunit) 16S rRNA अणु और लगभग 21 प्रोटीनों से बना होता है, जबकि यूकेरियोटिक जीवों में, यह 18S rRNA अणु और लगभग 33 प्रोटीनों से बना होता है।
राइबोसोम का बड़ा सबयूनिट(Big Subunit) अमीनो एसिड के बीच पेप्टाइड बन्ध के गठन को उत्प्रेरित करने के लिए जिम्मेदार है और यह दो या तीन आरएनए(RNA) अणुओं और कई प्रोटीन घटकों से बना होता है। प्रोकैरियोटिक जीवों में, यह बड़ी सबयूनिट 23S rRNA अणु, 5S rRNA अणु और लगभग 34 प्रोटीन से बनी होती है, जबकि यूकेरियोटिक(Eukaryotic) जीवों में, यह 28S rRNA अणु, 5.8S rRNA अणु, 5S rRNA और लगभग 49 प्रोटीन अणु से बना होता है।
राइबोसोम और इसके विभिन्न घटकों की जटिल संरचना सभी जीवित जीवों में सटीक और कुशल प्रोटीन संश्लेषण की अनुमति देती है।
राइबोसोम की परासंरचना(Ultrastructure of Ribosomes)
राइबोसोम 200Å से 350Å व्यास के सूक्ष्म कण होते हैं। यह कोशिका के सबसे छोटे कोशिकांग हैं तथा इन्हे केवल Electron सूक्ष्मदर्शी की सहायता से ही देखा जा सकता हैं। अन्य कोशिकांगों की तरह ये किसी इकाई झिल्ली से आवरित नहीं होते हैं।
राइबोसोम की संरचना का निर्धारण स्वेदबर्ग इकाई[Svedberg Unit (S)] के आधार पर किया जाता हैं, जिसका संबंध इन कणों के अवसादन (Sedimentation) से होता है।
जब किसी मिश्रण को अल्ट्रासेण्ट्रीफ्यूज(Ultra- centrifuge) किया जाता हैं तो इसके विभिन्न अवयव अपने अणुभार व अपकेन्र्दी बल(Centrifugal force) के अनुसार अपकेन्र्दी बल के क्षेत्र में अवसादित(Sediment)हो जाते हैं। उनके इस प्रकार अवसादित होने की गुणांक को अवसादन गुणांक कहते हैं जिसे स्वेदबर्ग इकाई से मापा जाता हैं। उदाहरण के लिये, यदि राइबोसोम्स के मिश्रण को सेण्ट्रीफ्यूज किया जाये तो जिस राइबोसोम का अवसादन गुणांक 80S हैं, उन्हें 80S राइबोसोम कहा जाता हैं। यदि इस राइबोसोम की उपइकाइओं को सेण्ट्रीफ्यूज किया जाये और उसका अवसादन गुणांक क्रमशः 60S व 40S हो तो उन्हें क्रमशः 60S व 40S राइबोसोम्स कहते हैं। किसी भी राइबोसोम का अवसादन गुणांक कभी भी दोनों उपइकाइओं का योग नहीं होता हैं अर्थात् इन संख्याओं को 60S+40S=100S करके नहीं देखना चाहिये क्योंकि अवसादन गुणांक अणु के आण्विक भार पर निर्भर करता हैं अतः यह आवश्यक नहीं हैं कि उपइकाइओं के अवसादन गुणांक का योगफल सम्बन्धित राइबोसोम कण के अवसादन गुणांक के समान हो।
आकार एवं स्वेदबर्ग इकाई के आधार पर राइबोसोम निम्नलिखित दो प्रकार के होते हैं:-
1) 70S राइबोसोम(70S Ribosomes):- ये राइबोसोम आकार में छोटे होते हैं। इनका अवसादन गुणांक 70S एवं अणुभार 2•7×10°6 डाल्टन होता हैं।(1 डाल्टन= 1•6×10°-24 ग्राम या C¹² परमाणु के 1/12 वें द्रव्यमान के बराबर होता हैं। ये प्रोकैरियोटिक जीवों तथा यूकैरियोटिक कोशिकाओं के माइटोकॉण्ड्रिया व हरितलवकों में पाये जाते हैं। इनकी छोटी उपइकाई को 30S व बड़ी उपइकाई को 50S से दर्शाया जाता हैं। प्रायः इन राइबोसोम्स को प्रोकैरियोटिक राइबोसोम कहा जाता हैं।
2) 80S राइबोसोम(80S Ribosomes):- ये राइबोसोम आकार में कुछ बड़े होते हैं। इनका अवसादन गुणांक 80S एवं अणुभार 4×10°6 डाल्टन होता हैं। ये राइबोसोम सभी प्रकार की यूकैरियोटिक कोशिकाओं में पाये जाते हैं। इनकी छोटी उपइकाई 40S व बड़ी उपइकाई 60S होती हैं। इन राइबोसोम्स को यूकैरियोटिक राइबोसोम कहा जाता हैं।
राइबोसोम का संयोजन और वियोजन (Association and Dissociation of Ribosomes)
राइबोसोम का संयोजन और वियोजन राइबोसोम सबयूनिट्स के एक साथ आने और एक पूर्ण राइबोसोम बनाने की प्रक्रिया को संदर्भित करता है, और फिर अलग-अलग सबयूनिट्स(Subunit's) में अलग हो जाता है। यह प्रक्रिया कड़ाई से विनियमित है और राइबोसोम के समुचित कार्य के लिए महत्वपूर्ण है।
प्रोटीन संश्लेषण के दौरान, दो राइबोसोमल सबयूनिट एक पूर्ण राइबोसोम बनाने के लिए जुड़ते हैं। यह तब होता है जब छोटा राइबोसोमल सबयूनिट mRNA(Messenger RNA) अणु से जुड़ जाता है और स्टार्ट कोडन के लिए स्कैन करना शुरू कर देता है, जो प्रोटीन संश्लेषण की शुरुआत का संकेत देता है। एक बार स्टार्ट कोडन मिल जाने के बाद, बड़ी राइबोसोमल सबयूनिट कॉम्प्लेक्स में शामिल हो जाती है, और राइबोसोम अब पूरी तरह से इकट्ठा हो जाता है और प्रोटीन संश्लेषण शुरू करने के लिए तैयार हो जाता है।
प्रोटीन संश्लेषण पूरा होने के बाद, राइबोसोमल उपइकाइयां अलग हो जाती हैं और भविष्य में उपयोग के लिए पुनर्नवीनीकरण की जाती हैं। वियोजन प्रक्रिया को कई कारकों द्वारा नियंत्रित किया जाता है, जिसमें रिलीज़ कारक शामिल हैं जो राइबोसोम से पूर्ण प्रोटीन को छोड़ने में मदद करते हैं, साथ ही अन्य प्रोटीन जो राइबोसोमल सबयूनिट को अलग करने में सहायता करते हैं।
Formation of Polyribosomes to Ribosomes |
राइबोसोम का संयोजन और वियोजन आवश्यक प्रक्रियाएं हैं जो प्रोटीन संश्लेषण के दौरान होती हैं। इन प्रक्रियाओं को कठिनाई से विनियमित किया जाता है और यह सुनिश्चित करता है कि राइबोसोम ठीक से और कुशलता से कार्य कर रहा है।
राइबोसोम की रासायनिक संगठन(Chemical Composition of Ribosomes)
राइबोसोम प्रोटीन और RNA अणुओं दोनों से बने होते हैं। राइबोसोम की सटीक संरचना अलग-अलग जीवों के बीच भिन्न होती है, लेकिन सामान्य तौर पर, राइबोसोम की छोटी सबयूनिट(Subunit) एक RNA अणु और लगभग 21-31 प्रोटीन से बनी होती है, जबकि बड़ी सबयूनिट तीन RNA अणुओं और लगभग 31-49 प्रोटीन से बनी होती है।
राइबोसोम में आरएनए अणुओं को राइबोसोमल आरएनए (RNA) के रूप में जाना जाता है, और वे प्रोटीन संश्लेषण के लिए साइट प्रदान करके राइबोसोम के कार्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। राइबोसोम में प्रोटीन को राइबोसोमल प्रोटीन के रूप में जाना जाता है, और वे आरआरएनए को स्थिर करने में मदद करते हैं और प्रोटीन संश्लेषण के लिए सक्रिय साइट के गठन की सुविधा प्रदान करते हैं।
अल्ट्रासेंट्रीफ्यूगशन (Ultracentrifugation) के दौरान आरआरएनए(RNA) अणुओं को उनके अवसादन दर के अनुसार नामित किया जाता है, जिसे स्वेदबर्ग (S) इकाइयों में मापा जाता है। राइबोसोम के छोटे सबयूनिट में आमतौर पर 16S rRNA अणु होता है, जबकि बड़े सबयूनिट में 23S rRNA अणु और 5S rRNA अणु होते हैं।
राइबोसोम की रासायनिक संरचना आरएनए और प्रोटीन अणुओं का एक जटिल मिश्रण है, जो प्रोटीन संश्लेषण की प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने के लिए मिलकर काम करते हैं।
राइबोसोम के कार्य (Functions of Ribosomes)
राइबोसोम प्रोटीन संश्लेषण के लिए जिम्मेदार सेलुलर संरचनाएं हैं, और उनका मुख्य कार्य mRNA में संग्रहीत आनुवंशिक कोड को पढ़ना और इसे अमीनो एसिड के अनुक्रम में अनुवाद करना है, जो अंततः प्रोटीन के संश्लेषण की ओर ले जाता है।
यहाँ राइबोसोम के कुछ प्रमुख कार्य हैं:
*प्रोटीन संश्लेषण(Protein synthesis):- राइबोसोम mRNA अनुक्रम द्वारा निर्दिष्ट सही क्रम में अमीनो एसिड को एक साथ जोड़कर प्रोटीन में mRNA के अनुवाद के लिए जिम्मेदार होते हैं।
*गुणवत्ता नियंत्रण(Quality control):- प्रोटीन संश्लेषण प्रक्रिया सही ढंग से आगे बढ़ती है यह सुनिश्चित करने में राइबोसोम भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे किसी भी त्रुटि या दोष के लिए नए संश्लेषित प्रोटीन की निगरानी करते हैं, और यदि कोई समस्या पाई जाती है, तो वे अपूर्ण या दोषपूर्ण प्रोटीन के टूटने को ट्रिगर कर सकते हैं।
*जीन अभिव्यक्ति का नियमन(Regulation of gene expression):- राइबोसोम जीन अभिव्यक्ति को नियंत्रित करने में भी भूमिका निभा सकते हैं, जिस दर पर mRNA को प्रोटीन में अनुवादित किया जाता है। प्रोटीन संश्लेषण की गति को नियंत्रित करके, राइबोसोम प्रभावित कर सकते हैं कि किसी दिए गए प्रोटीन का कितना उत्पादन होता है, जो सेलुलर(Cellular) प्रक्रियाओं को नियंत्रित करने के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है।
*राइबोसोम का संयोजन(Assembly of ribosomes):- राइबोसोम स्वयं प्रोटीन और RNA अणुओं के एक जटिल संयोजन से बने होते हैं। अन्य प्रोटीनों को संश्लेषित करने के अलावा, राइबोसोम नए राइबोसोम को इकट्ठा करने के लिए भी जिम्मेदार होते हैं।
राइबोसोम प्रोटीन संश्लेषण, गुणवत्ता नियंत्रण,जीन अभिव्यक्ति और सेलुलर होमियोस्टैसिस(Cellular Homeostasis)में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, जिससे वे कोशिका में सबसे महत्वपूर्ण संरचनाओं में से एक बन जाते हैं।