आज हम इस आर्टिकल में हाइड्रोक्लोरिक एसिड (hydrochloric acid kya hai ?) के बारे में पूरी जानकारी हिंदी में जानेंगे। हाइड्रोक्लोरिक एसिड और हाइड्रोजन क्लोराइड में क्या अंतर होता है। बहुत से स्टूडेंट्स के मन में सवाल होता है कि दिखने में दोनों एक जैसे है। क्या इनमे कोई अंतर होता है। Hcl के गुण ,इसकी संरचना , औद्योगिक उपयोग , बनाने की विधि इन सब की जानकारी ,मैं आपको इस आर्टिकल में बताऊंगा। हाइड्रो क्लोरिक एसिड क्या है और इसके उपयोग,खोज, प्रकृति और बनाने की विधि जानने के लिए आपको यह आर्टिकल ध्यान से पढ़ना है। मैं यहाँ हाइड्रोक्लोरिक एसिड से सम्बंधित क्यूशन ( सवाल ) करके HCL के बारे में आपको समझा रहा हूँ ताकि HCL के सारे टॉपिक आप क्लियर कर सको और अच्छे से समझ सको ।आइये जानते है हाइड्रो क्लोरिक एसिड क्या है?
हाइड्रोक्लोरिक एसिड की खोज कैसे और किसने की थी ?
सन्न 1648 में ग्लौबर नाम के एक वैज्ञानिक ने हाइड्रोजन क्लोराइड अम्ल की खोज की थी। जब वह प्रयोगशाला में सल्फ्यूरिक एसिड और नमक की अभिक्रिया करा रहे थे। इसके फलस्वरूप उन्हें हाइड्रोजन क्लोराइड अम्ल के रूप में मिला। सबसे पहले ग्लौबर ने ही इस अम्ल के बारे में बताया था। सन्न 1772 में जोसेफ़ प्रीस्टली ने HCL को पहले तैयार किया था। बाद में सन्न 1810 में सर हंफ्री डेवी ने इसे सैद्धांतिक रूप से प्रमाणित किया और बताया कि यह हाइड्रोजन और क्लोरीन से बना एक योगिक है।जिसका रासायनिक सूत्र एचसीएल (HCl) होता है।
NOTE:- सर हंफ्री डेवी एक ब्रिटिश रसायनज्ञ थे। इन्होने ने कोयला की खानों में रोशनी करने के लिए एक सुरक्षा दीप की खोज की थी। इसके अलावा इन्होने सोडियम , पोटेशियम , कैल्सियम , मैग्नीशियम , बेरियम, बोरोन जैसी एलिमेंट्स की भी खोज की थी।
कमरे के तापमान पर यह एक रंगहीन गैस होती है। HCL वातावरण की आर्द्रता के संपर्क के साथ हाइड्रोक्लोरिक अम्ल के सफेद धुएं बनाती है। हाइड्रोजन क्लोराइड गैस और हाइड्रोक्लोरिक अम्ल प्रौद्योगिकी और उद्योग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। हाइड्रोक्लोरिक अम्ल , हाइड्रोजन क्लोराइड का जलीय विलयन होता है। दोनों का सूत्र HCL दिया गया। इससे पहले लोगों में गलत धारणा थी कि इसमें ऑक्सीजन भी रहता है। तब इसका नाम ‘म्यूरिएटिक अम्ल’ था। आज भी यह कहीं कहीं जगह प्रयोग में आता है।
हाइड्रोक्लोरिक एसिड क्या है ? –
हाइड्रोक्लोरिक एसिड एक अकार्बनिक योगिक है। हाइड्रोजन क्लोराइड के जलीय विलयन को ही हाइड्रोक्लोरिक एसिड कहा जाता है। इसका सूत्र HCL होता है। HCL का अणुभार 36.46 gram/mol होता है। यह एक प्रबल अम्ल है। हाइड्रोक्लोरिक अम्ल ज्वालामुखी गैसों में पाया जाता है। मानव जठर में इसकी अल्प मात्रा रहती है और आहार पाचन में सहायक होती है।
हाइड्रोजन क्लोराइड एक द्विपरमाणुक अणु होता है। इसमें एक हाइड्रोजन परमाणु H और एक क्लोरीन परमाणु Cl होता है। HCL के दोनों परमाणु सहसंयोजक एकल बंध से जुड़े होते हैं। चूंकि क्लोरीन परमाणु पर हाइड्रोजन परमाणु की तुलना में बहुत अधिक विद्युत आवेश होता है। इस कारण दोनो परमाणुओं के बीच सहसंयोजक बंध काफी ध्रुवीय होता है। इसीलिए इस अणु में अधिक द्विध्रुवीय बल होता है। HCL के अणु में एक ऋणात्मक आंशिक आवेग δ– क्लोरीन परमाणु पर और एक धनात्मक आंशिक आवेग δ+ हाइड्रोजन परमाणु पर होता है। इसकी उच्च ध्रुवता की वजह से HCL पानी और अन्य ध्रुवीय विलायक में में बहुत घुलनशील होता है।
हाइड्रोक्लोरिक एसिड की फ्यूम में लिटमस पत्र का लाल होना
HCL पानी में अलग अलग तापमान पर अलग अलग मात्रा में घुलता है। 98.4 K केल्विन तापमान पर जमा हुआ HCL एक चरम संक्रमण की प्रक्रिया से गुजरता है। जमे हुए HCL के एक्स-रे पाउडर विवर्तन से पता चलता है कि इस प्रक्रिया के दौरान यह HCL ओर्थोरोम्बिक संरचना से घन संरचना मे बदल जाता है। दोनो संरचनाओं मे क्लोरीन परमाणु एक फेस मे केन्द्रित होते हैं। हालांकि इसमें हाइड्रोजन परमाणुओं की जगह का पता नहीं होता है। स्पेक्ट्रोग्राफी और डाई-इलेक्ट्रिक मानों के विश्लेषण से और HCL की संरचना से यह निष्कर्श निकलता है कि HCL वक्र रूपी जन्ज़ीरों की तरह HF की तरह जम जाता है। जब HCL और जल की रासायनिक अभिक्रिया करायी जाती है तो हाइड्रोनियम धनायन H3O+ और क्लोराइड एनायन Cl– बनता है । जिसके परिणामस्वरूप बना विलयन हाइड्रोक्लोरिक अम्ल होता है। यह एक प्रबल अम्ल है।
हाइड्रोक्लोरिक एसिड के कौन कौन से गुणधर्म होते है ?
हाइड्रोक्लोरिक एसिड के गुण दो प्रकार के होते है। भौतिक गुण और रासायनिक गुण जो इस प्रकार है
हाइड्रोक्लोरिक एसिड के भौतिक गुण -
किसी भौतिक प्रणाली के किसी भी मापने योग्य गुण को भौतिक गुण (physical property) कहते हैं जो उस प्रणाली की भौतिक अवस्था का सूचक है। .आइये जानते है HCL के भौतिक गुण क्या होते है।
0 डीग्री सेल्सियस और 1 वायुमंडलीय दाब पर एक लीटर हाइड्रोजन क्लोराइड गैस का भार 1.639 होता है। हाइड्रोक्लोरिक अम्ल का क्वथनांक -120.8 F होता है। हाइड्रोक्लोरिक अम्ल का गलनांक -173.6 F होता है।हाइड्रोक्लोरिक अम्ल का रासायनिक सूत्र HCL होता है। तथा इसका मोलर द्रव्यमान 36.46 gram/mol होता है।HCL गैस 189 k ताप गलकर एक रंगहीन द्रव में बदल जाती है। 159 k ताप यह सफ़ेद ठोस के रूप जम जाती है।हाइड्रोजन क्लोराइड जल में बहुत ज्यादा विलयशील होती है। जब हाइड्रोजन क्लोराइड गैस को जल में घोला जाता है। तो यह हाइड्रोक्लोरिक अम्ल में बदल जाती है।हाइड्रोक्लोरिक अम्ल का वियोजन स्थरांक बहुत ज्यादा होता है इसीलिए एक प्रबल अम्ल होता है।हाइड्रोक्लोरिक अम्ल का हिमांक ताप -114 डिग्री सेल्सियस होता है।हाइड्रोक्लोरिक अम्ल का क्रांतिक ताप 52 डिग्री सेल्सियस और क्रांतिक दाब 90 वायुमंडलीय होता है।0 डिग्री सेल्सियस पर एक आयतन जल में 506 आयतन HCL गैस ही घुलती है। 20 डिग्री सेल्सियस पर 477 आयतन HCL गैस घुलती है। जब यह प्रक्रिया होती है तब सफ़ेद रंग का धुँआ निकलता है।110 डिग्री सेल्सियस पर स्थायी क्वथनांक वाला हाइड्रोक्लोरिक एसिड प्राप्त होता है। ऐसे विलयन में हाइड्रोजन क्लोराइड गैस 20.24% होती है।
हाइड्रोक्लोरिक एसिड के रासायनिक गुण -
वे गुण जो यह बताते हैं कि कोई वस्तु किसी रासायनिक अभिक्रिया में कैसा व्यवहार करेगी , वह उसका रासायनिक गुण कहलाता है। आइये जानते हाइड्रोक्लोरिक एसिड के रासायनिक गुणधर्म ।
हाइड्रोक्लोरिक अम्ल एक प्रबल अम्ल है। यह अनेक धातुओं से अभिक्रिया करके धातु क्लोराइड बनता है और साथ में हाइड्रोजन गैस मुक्त करता है। इसे हम HCL की Fe के साथ अभिक्रिया कराके समझते है।
Fe + 2HCl → FeCl2 + H2
यहाँ आयरन , हाइड्रोक्लोरिक अम्ल से क्रिया कर के फेरस क्लोराइड बनाता है। तथा साथ में हाइड्रोजन गैस मुक्त करता है। इसी तरह एचसीएल के साथ एक धातु की क्रिया और देखते है। कैल्शियम की अभिक्रिया hcl से कराते है।
Ca + 2HCl → CaCl2 + H2
2. जब सांद्र HCLऔर सांद्र HNO3 को 3:1 अनुपात में मिलाया जाता है तो इस प्रकार के विलयन को एक्वारेजिया कहते है। इसमें नाइट्रोसिल क्लोराइड NOCl होता है। यह विलयन उत्कृष्ट धातुओं से अभिक्रिया करके उन्हें गला देता है। प्लैटिनम,चाँदी,सोना जैसी धातुओं से यह अभिक्रिया करता है। ये धातुएं किसी अन्य एक अम्ल से अभिक्रिया नहीं करती है।
3. हाइड्रोक्लोरिक अम्ल दुर्लब अम्लीय लवणों के साथ अभिक्रिया करके क्लोराइड CO2 और H2O बनता है।FOR EXAMPLE :- हाइड्रोक्लोरिक एसिड, सोडियम कार्बोनेट और सोडियम बाईकार्बोनेट के साथ अभिक्रिया करके सोडियम क्लोराइड , कार्बन डाईऑक्साइड और जल देता है। HCL की सोडियम कार्बोनेट के साथ अभिक्रिया इस प्रकार से होती है
Na2CO3 + 2HCl → 2NaCl + CO2↑ + H2O
HCL की सोडियम बाइकार्बोनेट के साथ अभिक्रिया इस प्रकार से होती है
NaHCO3 + HCl → NaCl + CO2↑ + H2O
4. हाइड्रोक्लोरिक एसिड sodium sulphite के साथ अभिक्रिया करके सोडियम क्लोराइड,सल्फरडाईऑक्साइड और जल बनाता है. HCL तथा Na2SO4 की अभिक्रिया इस प्रकार से होती है।
Na2SO3 + 2HCl → 2NaCl + SO2↑ + H2O
5. सांद्र हाइड्रोक्लोरिक एसिड चमड़े को जला देता है। जबकि तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल ऐसा नहीं करता है।
6. मैंगनीज डाई ऑक्साइड के साथ हाइड्रोक्लोरिक अम्ल की अभिक्रिया कराने से क्लोरीन गैस प्राप्त होती है।
हाइड्रोक्लोरिक एसिड धातुओं के ऑक्साइड तथा हाइड्रोऑक्साइड से अभिक्रिया करके धातुओं का क्लोराइड बनाता है। साथ में जल भी बनाता है।
5 मोलर HCL
हाइड्रोक्लोरिक एसिड कैसे बनाया जाता है ?
औधोगिक आपूर्ति या व्यापारिक महत्व का हाइड्रोक्लोरिक एसिड तथा प्रयोगशाला में काम आने वाला हाइड्रोक्लोरिक एसिड बहुत सी विधियों से बनाया जाता है। हम यहाँ कुछ महत्वपूर्ण विधियों के बारे में चर्चा कर रहे है।
हाइड्रोक्लोरिक अम्ल हाइड्रोजन और क्लोरीन के सीधे संयोजन से भी बनाया जा सकता है। यह अभिक्रिया सामान्य ताप पर सम्भव नहीं होती है। इसीलिए यह अभिक्रिया 250 डिग्री सेल्सियस ताप पर कराई जाती है। यह संयोजन तेज विस्फोट के साथ सम्पन होता है। आज भी कही कही जगह व्यापारिक महत्व का हाइड्रोक्लोरिक अम्ल इसी विधि से बनाया जाता है।जब सोडियम क्लोराइड की अभिक्रिया सांद्र सल्फ्यूरिक एसिड 420 K तापमान पर करायी जाती है तो इस अभिक्रिया के फलस्वरूप हाइड्रोक्लोरिक अम्ल प्राप्त होता है। यह अभिक्रिया इस प्रकार से सम्पन होती है।
NaCl + H2SO4 → NaHSO4 + HCl
3. HCL और सल्फ्यूरिक एसिड की अभिक्रिया कराने पर NaHSO4 हमें सह उत्पाद के रूप प्राप्त होता है। जब हम आगे इस NaHSO4 की अभिक्रिया सोडियम क्लोराइड के साथ उच्च ताप पर कराते है तो इस अभिक्रिया के फलस्वरूप भी हमें हाइड्रोक्लोरिक अम्ल प्राप्त होता है। परन्तु इस अभिक्रिया के लिए तापमान लगभग 823 k होना चाहिए। यह अभिक्रिया इस प्रकार से सम्पन होती है।
NaHSO4 + NaCl → Na2SO4 + HCl
नोट :– धावन सोडा का निर्माण भी इसी विधि से किया जाता है। इस प्रक्रिया में हमें na2so4 मुख्य उत्पाद के रूप में तथा एचसीएल सह उत्पाद के रूप में प्राप्त होता है।
हाइड्रोक्लोरिक अम्ल के निर्माण में पॉर्सेलेन या काँच के बर्तन का यूज़ किया जाना चाहिए। क्योकि सामान्य धातुएं HCL से क्रिया कर लेती है और पात्र को नष्ट कर देती है। परन्तु वैज्ञानिको ने कुछ ऐसी धातुओं और मिश्र धातुओं की खोज की है जिनका उपयोग हाइड्रोक्लोरिक अम्ल बनाने में किया जा सकता है। टैंटेलम, हिस्टेलाय (histalloy), डुरिक्लोर (durichlor) है। ये धातुएं एचसीएल से अभिक्रिया नहीं करती है। ये धातुएं एसिड का प्रतिरोध करती है।
MAKING DILUTE HYDROCHLORIC ACID
शुद्ध हाइड्रोक्लोरिक एसिड रंगहीन तथा तीक्ष्ण गंध वाला होता है। परन्तु व्यापारिक हाइड्रोक्लोरिक अम्ल आयरन और अन्य अपद्रव्यों के कारण पीले रंग का होता है। जलीय विलयन में 28 % से 36 % तक HCL होता है। व्यापारिक हाइड्रोक्लोरिक एसिड तीन प्रकार का होता है। 18% बोमेका (HCL 27.92% , विशिष्ट गुरुत्व 1.1417) , 20% बोमेका ( HCL 33.145, विशिष्ट गुरुत्व 1.1600 ) , 22% बोमेका ( HCL 35.21% विशिष्ट गुरुत्व 1.1789 )
हाइड्रोजन क्लोराइड और हाइड्रोक्लोरिक एसिड में क्या अंतर होता है ?
हाइड्रोजन क्लोराइड और हाइड्रोक्लोरिक अम्ल में ज्यादा अंतर देखने को नहीं मिलता है। इसमें थोड़ा सा अन्तर होता है और बाकि सब समान होता है। हाइड्रोजन क्लोराइड गैस के रूप में होती है।और हाइड्रोक्लोरिक एसिड द्रव के रूप में होती है। जब हाइड्रोजन गैस को जल में मिलाया जाता है तो हाइड्रोक्लोरिक अम्ल प्राप्त होता है। दोनों के सूत्र , रासायनिक और भौतिक गुण ,संरचना , अणुभार तथा सारे पैरामीटर समान होते है।
हाइड्रोक्लोरिक एसिड के क्या क्या उपयोग है ?
हाइड्रोक्लोरिक अम्ल प्रयोगशाला का एक महत्वपूर्ण अभिकारक है। जो अधिकांश अभिक्रियाओं में काम आता है। प्रयोगशाला में ग्लासवेयर की क्लीनिंग के लिए भी HCl का यूज़ किया जाता है।औद्योगिक क्षेत्र के अनेक कार्यो में एचसीएल का यूज़ किया जाता है।लौहे पर जस्ते या बंग चढ़ाने से पहले इसकी सतह को एचसीएल से ही साफ़ किया जाता है।अनेक पदार्थो जैसे अस्थिकोयला , जिलेटीन , सरेस , रंजको के माध्यम कार्बनिक यौगिक आदि के संश्लेषण में हाइड्रोक्लोरिक एसिड का यूज़ किया जाता है।हाइड्रोक्लोरिक एसिड के द्विगुण वाले लवण भी रासायनिक विश्लेषण में अधिक काम आते है।पेट्रोलियम कूपो के उपचार , बिनौले से कर्पासिका निकालने और रोगाणुनाशी के रूप में भी यह काम आता है।हमारे उदर में तनु एचसीएल होता होता है। जो भोजन में उपस्थित हानिकारक बैक्टीरिया को नष्ट कर देता है। साथ में भोजन में उपस्थित प्रोटीन का अपघटन भी करता है। और भोजन के पाचन में सहायक होता है। जब इस एसिड की मात्रा पेट में अधिक हो जाती है तो एसिडिटी की प्रॉब्लम हो जाती है।
एचसीएल से नुकसान और बचाव
एचसीएल का धुआँ आँखों को नुकसान पहुँचा सकता है। आँखों की सुरक्षा के लिए चश्मे का यूज़ करना चाहिए। ताकि एचसीएल का धुँआ आँखों में प्रवेश ना कर सके।
एचसीएल का धुँआ नाक के माद्यम से श्वसन नली में प्रवेश कर के उस स्थान पर सूजन तथा जलन कर सकता है। यह फेफड़ो को भी नुकसान पहुँचा सकता। अतः इससे बचने के लिए अच्छी गुणवत्ता का मास्क यूज़ करना चाहिए।
हाइड्रोक्लोरिक अम्ल स्किन पर गिरने से स्किन को चोट पहुँचता है। इसके बचाव के लिए ग्लव्स पहने चाहिए।
FAQ
Q: हाइड्रोक्लोरिक अम्ल का अणुभार कितना है ?
Ans.: 36.46 ग्राम/मोल
Q: हाइड्रोक्लोरिक अम्ल का रासायनिक सूत्र क्या है ?
Ans.: HCl
Q: हाइड्रोक्लोरिक अम्ल का अन्य नाम क्या है ?
Ans.: म्युरिएटिक अम्ल
Q: हाइड्रोजन क्लोराइड गैस बनाने की विधि क्या है ?
Ans.: हाइड्रोजन व क्लोरीन गैस के सीधे संयोजन से यह गैस बनाई जाती है।
Q: क्या होता है जब तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल की अभिक्रिया लोहे से होती है ?
Ans.: तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल लोहे से अभिक्रिया करके फेरस क्लोराइड तथा हाइड्रोजन गैस बनाता है।
Q: हाइड्रोक्लोरिक एसिड कहाँ मिलेगा ?
Ans.: हाइड्रोक्लोरिक एसिड मार्किट में आसानी से मिल जाता है। इसे आप केमिकल बेचने वाली दुकान से खरीद सकते है। ध्यान रहे यह एसिड वही दुकानदार बेच सकता है जिसके पास लाइसेंस हो।
Q: HCl क्या है ?
Ans.: HCl एक अकार्बनिक योगिक है जिसे हाइड्रोजन क्लोराइड गैस के जलीय विलयन से प्राप्त किया जाता है। यह एक प्रबल अम्ल होता है।
Q: हाइड्रोक्लोरिक अम्ल का उपयोग क्या है ?
Ans.: हाइड्रोक्लोरिक अम्ल प्रयोगशाला का महत्वपूर्ण अभिकर्मक है। यह अनेक औद्योगिक कार्यो में काम आता है। लोहे की सतह को साफ करने में ,अनेक उपयोगी लवणों के संश्लेषण में एचसीएल का प्रयोग किया जाता है।
Q: पाचन में HCl अम्ल के कार्य लिखिए।
Ans.: HCl भोजन में उपस्थित हानिकारक बैक्टीरिया को नष्ट कर देता है। साथ में भोजन में उपस्थित प्रोटीन का अपघटन भी करता है। और भोजन के पाचन में सहायक होता है। जब इस एसिड की मात्रा पेट में अधिक हो जाती है तो एसिडिटी की प्रॉब्लम हो जाती है।
Q: पेट में हाइड्रोक्लोरिक एसिड क्या काम करता है ?
Ans.: पेट में हाइड्रोक्लोरिक एसिड भोजन का पाचन करता है और प्रोटीन का अपघटन करता है। पेट में हाइड्रोक्लोरिक एसिड की मात्रा अधिक होने पर एसिडिटी की समस्या हो जाती है।